शेयर बाजार का नाम तो आपने सुने ही होंगे जिसमें आप Intraday Trading के बारे में भी जरूर सुने होंगे और भारत में यह काफी ज्यादा प्रचलित में हैं. इंट्राडे ट्रैडिंग के लिए 6 बेस्ट तरीका (मोमेंटम, रिवर्सल, GAP & GO, बुल फ्लैग ट्रैडिंग, पुलबैक ट्रैडिंग, ब्रेकआउट ट्रैडिंग) हैं जिन्हें आगे विस्तार से बताया गया हैं.
आज के इस लेख में आपको Intraday Trading Strategy की बेहतरीन तरीकों के बारे में बताया गया हैं जिससे आप बिल्कुल मुफ़्त में शेयर बाजार से Intraday Trading करके ज्यादा पैसा कमा सकते हैं और अपने ट्रैडिंग को एक अच्छे मुकाम पर ले जा सकेंगे तो आइए अब इस लेख को शुरू करें.
इंट्राडे ट्रैडिंग क्या हैं?
अगर हम इसके पहले पास्ट की बात करें तो इंट्राडे ट्रैडिंग हर एक आम आदमी नहीं कर पाते थे और आम आदमी के पास इससे जुड़ी सही जानकारी नहीं होती थी.
जिससे वह ट्रैडिंग जैसे चुनौती वाले कार्यों को संभव बना सके लेकिन आज की समय में इस बढ़ती इंटेनेट की दुनिया में आम आदमी भी इंटरनेट से सिख कर आसानी से निवेश कर सकते हैं और एक सही Intraday Trading Strategy को अपना कर रोज व्यापार भी कर सकते हैं.
Intraday trading का मतलब होता हैं एक दिन में ही शेयर को क्रय और विक्रय करना और इसे डे ट्रैडिंग भी कहा जाता हैं इसी बीच आपको मार्केट के मूवमेंट को समझकर मुनाफा कमाना होता हैं. इसमें आप मार्केट गिरने पर भी मुनाफा कमा सकते हैं और मार्केट जब ऊपर जाता हैं तब भी आप मुनाफा कमा सकते हैं.
उदाहरण के लिए :
∴ ITC के एक शेयर का भाव 300 रु हैं.
अपने 100 शेयर खरीद लिए = 100 शेयर×300 रु
Total Investment = 30,000 रु
∴ अब ITC का प्राइस 300 रु से बढ़कर 310 रु हो गया.
Total Amount = 310 रु×100 शेयर = 31,000 रु
Net Profit = 31,000-30,000 = 1,000 रु
यहाँँ पर आपको एक बात ध्यान रखना हैं, जैसा आपको ऊपर के लेख में बताया गया हैं की आप Intraday Trading में आप शेयर को 1 दिन में ही क्रय और विक्रय कर सकते है परंतु यहाँँ पर आप एक दिन से ज्यादा समय तक शेयर को अपने पास रख सकते हैं.
Margin :
लोग इंट्राडे ट्रेडिंग इस लिए करते हैं क्योंकि यहाँँ पर आपको Margin मिलता हैं मतलब अगर आप किसी शेयर को खरीदते हैं तो आपको 4X डिस्काउंट में मिलता हैं (यह किसी और शेयर में यह कम ज्यादा भी हो सकता हैं) और आपको अपना शेयर उसी दिन बेचना होता हैं.
आपको नीचे के लेख में उदाहरण के साथ बताया गया हैं जिससे आपको आसानी से समझ आ जाएगा –
- ऊपर जो ITC उदाहरण हैं उसी से Margin को भी समझते हैं.
∴ जैसा की आपको ऊपर बताया गया हैं Margin में आपको शेयर 4X सस्ता मिलता हैं मतलब पर आपको ITC शेयर 300/4= रु 75/Share
Share Quantity = 400 शेयर
अब शेयर का भाव 300 से बढ़कर 310 हो गया हैं.
Net Profit = 10रु×400 शेयर = 4,000 रु प्रॉफ़िट
Note : यहाँँ पर ITC का प्राइस 300 रु से नीचे भी आ सकता हैं अगर यह 300 रु से 290 रु हो जाता है तो यहाँ पर 10,000 रु का नुकसान भी हो सकता हैं.
परंतु आपको इसके लिए एक सही स्ट्रैटिजी को अपनाना होगा जिससे आप Intraday Trading Strategy को बेहतर बना पाए और मार्केट के सेंटीमेंट को पहचानना होगा. आपको इसके लिए क्या तरीका अपनाना चाहिए और कैसे करना हैं इसके बारे में विस्तार से बताया गया हैं.
Intraday Trading Strategy in Hindi?
शेयर मार्केट में Intraday Trading करने के लिए अलग-अलग Strategy होते हैं जिसे ट्रैडिंग करते समय यूज किया जाता हैं आप इस तरह के रणनीति को अपना कर Scalping भी कर सकते हैं.
मैं आपको बताना चाहूँगा की इंट्राडे ट्रैडिंग खुद से करना चाहिए क्योंकि अगर आप किसी सलाहकार से टिप्स लेकर ट्रैडिंग करते हैं तो आप यह कभी नहीं समझ पाएंगे की ट्रैडिंग कैसे करते हैं और कैसे मुनाफा होता हैं और अगर आप खुद से समझ कर करते हैं तो आप लम्बे समय तक ट्रैडिंग से पैसा कमा सकते हैं.
Share Market Tips के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़ें.
1. मोमेंटम इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति (Momentum Intraday Trading Strategy)
जब आप Trading करने की विचार बना लेते हैं तो ज्यादा तर लोग अक्सर यह गलती करते हैं की वह Multiple स्टॉक में ट्रैड करते हैं लेकिन बता दे यह ट्रैड करने के लिए सही तरीका नहीं हैं.
आपको ज्यादा स्टॉक नहीं बल्कि केवल 6 से 8 स्टॉक का अगर आप डेली मूवमेंट देखते हैं तो आप उस स्टॉक्स के बारे में बहुत कुछ जान जाते हैं जैसे वह कब ऊपर जाएगा या कब नीचे आएगा और कौन से समाचार से यह शेयर ज्यादा प्रभावित हो रहा हैं इस तरह आपका स्टॉक में बढ़िया पकड़ बन जाता हैं.
फिर आप जब उस स्टॉक के अंदर किसी भी समय ट्रैड करते हैं तो आपको आसानी से मुनाफा हो सकता हैं. परंतु इसके पहले आपको प्रॉफ़िट और लॉस की रणनीति बनानी पड़ती हैं जो बहुत जरूरी हैं.
नीचे के लेख में आपको रणनीति को संक्षिप्त में बताया गया हैं –
- जब आप ट्रैडिंग करने के लिए Intraday Trading Strategy को बनाते हैं, आप जिस शेयर में ट्रैडिंग करने वाले हैं उससे जुड़ी समाचार देखे और उसके बाद चार्ट को समझ कर अपना एक स्ट्रैटिजी तैयार करें और उसी के साथ अपना SL (Stop Loss) और TP (Take Profit) को भी निर्धारित करें.
2. रिवर्सल इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति (Reversal Intraday Trading Strategy)
रीवर्सल इंट्राडे ट्रैडिंग अनुभवी लोगों के लिए है मतलब अगर आप शेयर मार्केट में ज्यादा समय से इंट्राडे ट्रैडिंग को कर रहे हैं तो आपके लिए यह रणनीति सरल हो सकता हैं. परंतु अगर आप बिना सीखे Reversal Trading करते हैं तो आपको घाटे होने की संभावना अधिक होती हैं.
यह एक बंकनीफतय का चार्ट हैं इसमें आपको दो उदाहरण दिया गया हैं जिससे आपको यह रणनीती समझने में काफी आसानी होगी –
- Curve- 1st वाले में आपको एक Resistance दिख रहा होगा जहां पर एक Corve में ग्राफ बना हैं जब भी कर्व PE (Put) के तरफ बनता हैं तो आप 80% मान सकते हैं की मार्केट वहाँ से नीचे गिरेगा.
लेकिन अगर आपको Curve के साथ कोई और Confirmation line दिख रहा रहा हैं तो उस समय आपका Curve 90 से 95% तक Curve की स्ट्रैटिजी सही हो सकता हैं. इस ग्राफ में आपको Curve के Resistance दिख रहा हैं इसलिए मार्केट नीचे के तरफ आ गया हैं. - 2nd ग्राफ इसी तरह अगर Curve ऊपर के के (Call) के तरफ बना हैं तो उसके साथ कोई और Confirmation line दिख रहा रहा हैं तो उस समय आपका Curve ऊपर के तरफ जाने की 90 से 95% तक Curve की स्ट्रैटिजी सही हो सकता हैं.
अगर आप ट्रैडिंग में ज्यादा मुनाफा और सही से कमाना चाहते हैं तो आपको कोई स्ट्रैटिजी अपनाने से पहले आपको 2 से 3 Confirmation line चेक करना चाहिए इस तरह से आप ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
3. GAP और GO ट्रेडिंग रणनीति
GAP : जब शेयर मार्केट के बारे में थोड़ा बहुत जानकारी रखते है तो आप अक्सर देखे होंगे अगर जब भी मार्केट ओपन होता हैं तो पिछले दिन का क्लोज़िंग मार्केट और अगले दिन के ओपन मार्केट के बीच के बीच की दूरी को GAP बोल जाता हैं.
अब बात करते हैं यहाँ पर आप ट्रैडिंग कैसे कर सकते हैं–
- आपको उन्हीं गैप के साथ ट्रैडिंग करना चाहिए जो पिछले दिन क्लोज़िंग ग्राफ के पास अगले दिन का मार्केट ओपन हो उसी समय आपको ट्रैड लेना चाहिए. GAP के साथ ट्रैडिंग करने के लिए आपको समाचार को देखते रहना चाहिए.
GO : जब आप किसी शेयर के क्लोज़िंग और अगले दिन के शेयर की ओपनिंग प्राइस को देखते हैं तो उनके बीच गैप रहता हैं और पूरे दिन मार्केट उस गैप को पूरा नहीं करता हैं इसलिए यह GO Strategy कहलाता हैं.
4. बुल फ्लैग ट्रेडिंग रणनीति
यहाँँ आपको बुल फ्लैग ट्रैडिंग कैसे करना हैं यह जानेंगे दोस्तों आप बुल फ्लैग को निम्नलिखित तरीके से ट्रैडिंग कर सकते हैं नीचे आपको इसके अगल-अलग तरीके के बारे में बताया गया हैं जिसे आप अपना कर आसानी स मुनाफा कमा सकते हैं.
फ्लैग पेटर्न दो तरह के होते हैं-
1.) Flag Pattern
2.) Pennant Pattern
1. Flag Pattern
यह दो तरह के होते हैं Bullish और Bearish इन्हें समझने के लिए नीचे के लेख में सरल भाषा में दर्शाया गया हैं
Bullish : जब हम मार्केट को देखते हैं तो हमें यह पता चलता हैं, जब मार्केट अप ट्रेंड के साथ मार्केट बुलिश होता हैं लेकिन आपने देखा होगा जब मार्केट उप ट्रेंड में जाता हैं तो मार्केट बीच में उप और डाउन होते रहते हैं.
इसी बीच हमें चार्ट में दो पैरलल ट्रेंड लाइन मतलब एक दूसरे के समानांत्रीक ट्रेंड लाइन ऊपर के तरफ ब्रेक होता हैं तो इसे Bullish कहते हैं.
Bearish : जब मार्केट एक शार्प डाउन के बाद ऊपर के तरफ जाते हैं और इस समय जब हमें जो दो पैरलल ट्रेंड लाइन देखने को मिलते हैं उसे Bearish Flag Pattern कहते हैं.
2.) Pennant Pattern
Pennant pattern को भी दो भागों में बाटा गया हैं Bullish और Bearish इन्हें नीचे दर्शाया गया हैं –
Bullish : जब मार्केट एक शार्प मूव के बाद जब मार्केट साइड वे में ट्रैड करने लगता हैं तो उस समय हमें दो अपोजित ट्रैड लाइन मिलता हैं जैसा की आप ऊपर वाले ग्राफ में देख सकते हैं की दो ट्रेंड लाइन बनी हैं ऊपर वाले को हम Descending Trendline और दूसरे को Ascending Trendline बोलते हैं और इस लाइन को Pennant Pattern बोल जाता है.
जब इस लाइन में पूरा ग्राफ बनने के बाद जिस तरफ मार्केट ब्रेक लेता हैं उस मार्केट जाता हैं अगर ऊपर के तरफ ब्रेक किया तो मार्केट पम्प करता हैं.
Bearish : जब बाजार अपने डाउन ट्रेंड में उप और डाउन की सिनेरियों बनाता हैं तो उस समय मार्केट में दो विपरीत ट्रेंड लाइन मिलते हैं जो आगे बढ़ने के साथ एक दूसरे को कॉनट्राइट करते हैं तो हम इन्हें Bearish बोलते हैं.
5. पुलबैक ट्रेडिंग रणनीति
मार्केट जब Up और Down सिनेरिओ के साथ मार्केट ऊपर के तरफ जाता हैं परंतु आपने देखा होगा जब मार्केट ऊपर के तरफ मूव करता हैं तो उसके पहलें आपने चार्ट में आपने देखा होगा की मूव के पहले एक LL (Lower Low) और LH (Lower High) बनाता हैं तो उस समय ट्रैडर कन्फ्यूज़ हो जाते हैं की क्या यह एक डाउन ट्रेंड हैं.
- जैसा की आप चार्ट में देख पा रहे होंगे मार्केट अप ट्रेंड में हैं परंतु आपको चार्ट के बीच में दिख रहा होगा की मूव के पहले एक LL (Lower Low) और LH (Lower High) बना है अब यहाँँ पर आपको ट्रैड लेने के लिए Volume चेक करना होगा अगर Volume का साइज़ ज्यादा और ग्रीन बन रहा हैं तो आप ट्रैड ले सकते हैं.
इस तरह आप अगर Intraday Trading Strategy में Pull Back पैटर्न का यूज करते हैं तो आप मून कमा सकते हैं .
6. ब्रेकाउट ट्रेडिंग रणनीति
हम बात करते हैं Breakout कैसे काम करता हैं और इस रणनीती को ऐसे यूज करके मुनाफा कमाएंगे. नीचे आपको उदाहरण के जरिए समझाया गया है.
- ऊपर दिए गये ग्राफ में आपको Breakout रणनीति को दर्शाया गया हैं.
- चार्ट में एक Support लाइन को दर्शाया गया हैं यह लाइन मार्केट के लिए एक मजबूत सपोर्ट हैं क्योंकि यहाँ से मार्केट दो सपोर्ट लाइन को टच करके ऊपर गया हैं लेकिन तीसरे पॉइंट में मार्केट ने उस सपोर्ट लाइन को ब्रेक करके नीचे आ गया हैं और इसी प्रोसेस को मार्केट के भाषा में ब्रैकाउट ट्रैडिंग बोला जाता हैं.
- यहाँ पर आप मार्केट ब्रेक के बाद अपनी एंट्री बना सकते हैं और SL को Support के ऊपर Resistance बना हैं वह पर आप अपना SL सेट कर सकते हैं.
FAQs अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q.1) इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा संकेतक कौन है?
अगर आप इंट्राडे ट्रैडिंग के लिए एक प्रभावित संकेतक की खोज कर रहे हैं तो आप RSI और MACD के जरिए आप बढ़िया अनुभव ले सकते हैं.
Q.2) इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने में कितना समय लगता है?
अगर आप इंट्राडे ट्रैडिंग करने सीखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 1 वर्ष का समय देना होगा. कोई व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो 5 से 6 माह में ही ट्रैडिंग करना सिख जाते हैं इसलिए यह आपके ऊपर निर्भर करता हैं की आप कितना जल्दी ट्रैडिंग सीखते है.
Q.3) इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
इंट्राडे ट्रैडिंग में शेयर को एक ही दिन में खरीदना और बेचना होता हैं इस लिए इस डे ट्रैडिंग भी कहते हैं. इसमें ट्रेडर्स मार्केट के मूवमेंट को पहचानते हैं और बाजार से पैसा कमाते हैं. इसके लिए आपको टेक्निकल अनलाइसिस आना चाहिए और न्यूज को भी देखना चाहिए.
Q.4) आपको कैसे पता चलेगा कि शेयर की कीमत बढ़ेगी या घटेगी?
अगर कोई ट्रैडर मार्केट में ट्रैडिंग करना चाहते हैं तो वह यह जानने की पूरी कोशिश करते हैं की मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा दोस्तों इसके लिए आपको टेक्निकल अन्लाईसीस करने आना चाहिए जिसमें चार्ट पैटर्न, MA, Support, Resistance, ट्रेंड लाइन यह सब कुछ चेक करने आना चाहिए.
Q.5) इंट्राडे में शॉर्ट सेलिंग क्या है?
शॉर्ट सेलिंग आप इंट्राडे ट्रैडिंग में कर सकते हैं जब आप किसी शेयर में ट्रैड करने वाले होते हैं और आपको लगता हैं की मार्केट डाउन आएगा तो आप PE (Put) Option में Buy करके अपना profit बना सकते हैं.
Q.6) इंट्राडे ट्रैडिंग स्ट्रैटिजी कैसे बनाते हैं?
इंट्राडे ट्रैडिंग स्ट्रैटिजी को बनाने के लिए आपको मार्केट के चार्ट को अनुभव करने आना चाहिए और केंडल्स को यूज करने आना चाहिए जैसे RSI, MACD, Support Line, Resistance Line, Break Out जैसे स्ट्रेटेजी का समझ होना चाहिए.
निष्कर्ष (Conclusion)
- इस लेख में आपको Intraday Trading Strategy के बारे में सब कुछ Important टॉपिक के बारे में बताया गया हैं जिसे आप अगर प्रैक्टिस कर के अनुभव लेते हैं तो आप इस स्ट्रैटिजी से अधिक मुनाफा कर सकते हैं लेकिन आपको यह ध्यान में रहना चाहिए की ट्रैडिंग करने के लिए खुद का अनुभव और प्रैक्टिस होना बहुत जरूरी हैं.
- जब भी Intraday Trading करते हैं तो अपना स्ट्रैटिजी बनाए और ट्रैड लेने से पहले आपको 3 से 4 Confirmation लाइन बनाना बहुत जरूरी होता हैं जिससे आप ज्यादा मुनाफा कमाए.